अभी का समय और भगवद्-भाव की महिमा

प्रस्तावना

गुरुजी के वचन हमें यह स्मरण कराते हैं कि समय अमूल्य है। हर युग बदलता है, और वर्तमान कलियुग में आध्यात्मिक ज्ञान और संत-संग की उपलब्धता कम होती जा रही है। इसीलिए, जो अवसर अभी हमारे पास है, उसे व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए।

प्रेरणादायक कथा

एक वृद्ध संत अपने गाँव के किनारे बैठा रोज़ भागवत पाठ करते थे। जो भी आता, संत प्रेम से उसका सत्संग कराते। एक दिन एक युवक ने सोचा – “मैं बाद में आऊँगा, अभी तो उम्र पड़ी है”। लेकिन कुछ वर्षों बाद जब वह लौटा, तो संत का शरीर त्याग हो चुका था और गाँव में सत्संग का दीप बुझ चुका था। उसने पश्चात्ताप करते हुए कहा, “काश! मैंने उस दिन उनके चरणों में बैठकर सुन लिया होता।”

मूल भाव

अवसर को टालना हानि है। वर्तमान में ही प्रभु-स्मरण और संत-संग का लाभ लेना चाहिए, क्योंकि कल का कोई भरोसा नहीं।

तीन व्यावहारिक अनुप्रयोग

  • हर दिन कम से कम कुछ समय प्रार्थना या भजन के लिए निकालें।
  • संतों और ज्ञानीजनों के प्रवचन सुनने का अवसर कभी न चूकें।
  • धार्मिक ग्रंथों को धीरे-धीरे नियमितता से पढ़ना शुरू करें।

मनन हेतु प्रश्न

क्या मैं आज वह कर रहा हूँ जो मेरी आत्मा को सच्चा लाभ और शांति देगा, या इसे कल पर टाल रहा हूँ?

गुरुजी का संदेश

गुरुजी ने कहा कि पहले समय में असंख्य महापुरुष और संत सहज उपलब्ध थे। आज गिनती के संत ही शेष हैं। आगे समय और कठिन होगा, जब शास्त्र और भागवत-सत्संग दुर्लभ हो जाएंगे। इसलिए हमें अभी अपने मन को प्रभु की ओर मोड़ना चाहिए, मनमानी प्रवृत्ति त्यागकर दिव्य लीला में सम्मिलित होना चाहिए।

आध्यात्मिक मार्ग पर दृढ़ रहने के उपाय

  • दैनिक सत्संग और भजन सुनना।
  • साधु-संग और गुरु-सेवा में मन लगाना।
  • स्वयं को सात्विक जीवन-शैली में ढालना।
  • प्रभु की कृपा के प्रति कृतज्ञ रहना।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. क्या छोटा समय भी भक्ति के लिए पर्याप्त है?

हाँ, यदि मन पूर्ण श्रद्धा और प्रेम में लीन हो तो थोड़ी देर की भक्ति भी गहरी हो सकती है।

2. क्या गुरु या संत खोजने के लिए इंतजार करना चाहिए?

नहीं। जैसे ही आपको सच्चा मार्गदर्शक मिले, जुड़ जाएं और सीखना प्रारंभ करें।

3. संतों के प्रवचन क्यों महत्त्वपूर्ण हैं?

वे जीवन में सही दिशा, प्रेरणा और स्थिरता प्रदान करते हैं।

4. अगर गाँव या शहर में संत-संग न हो तो क्या करें?

ऑनलाइन प्रवचनों और bhajans के माध्यम से जुड़ें।

आध्यात्मिक निष्कर्ष

अभी समय है। प्रभु-स्मरण और संत-संग में जीवन का अमूल्य समय लगाएँ। यह अवसर यदि चूक गया, तो भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति दुर्लभ हो सकती है। प्रेम और श्रद्धा से, हम वर्तमान क्षण को अमर कर सकते हैं।

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Originally published on: 2023-06-28T03:10:57Z

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