Aaj ke Vichar: जीवन का खेल और आत्म-बोध
केंद्रीय विचारजीवन स्वयं एक खेल है—एक दिव्य चौसर, जिसे परमात्मा ने बिछाया है। इस खेल…
केंद्रीय विचारजीवन स्वयं एक खेल है—एक दिव्य चौसर, जिसे परमात्मा ने बिछाया है। इस खेल…
माया का अद्भुत चौसरगुरुजी के इस प्रवचन में एक गहरी और हृदय को छू लेने…
केन्द्रीय विचारहम सब इस जगत में एक स्वप्नवत जीवन जी रहे हैं। जैसे स्वप्न में…
मोह-माया का स्वप्नगुरुदेव ने बड़ी सरलता से बताया कि यह जगत स्वप्न-समान है। जैसे स्वप्न…
केन्द्रीय विचार हम दिव्य आत्माएं हैं, भगवान के अंश हैं। हमारे शरीर या परिस्थितियां चाहे…
अष्टावक्र और प्रह्लाद की कथा गुरुजी ने अपने प्रवचन में दो प्रेरणादायक प्रसंग बताए जो…
केंद्रीय विचार कर्म का फल निश्चित है – चाहे वह शुभ हो या अशुभ। केवल…